sandeep world
Thursday, October 1, 2020
उम्मीदों का टुटता पुलिंदा
उम्मीद और इंतजार ने मेरे सब्र का खुब इंतिहा लिया, लेकिन हमने भी हर इंतिहा से अपने हौसलों को और बुलंद किया,लेकिन ये वक्त का पहिया बहुत तेजी से भाग रहा है,शयद ये मुझे कुछ सोचने पर विवश कर रहा है।
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