Thursday, December 10, 2020
भाग्य विधाता
हम मे से लगभग हर कोई अपना अपना भाग्य विधाता खुद बनना चाहता है , बहुत से लोग बने भी हैं , लेकिन हर इंसान के लिए ये संभव नहीं है ,तो फिर क्या ? कुछ नहीं हम उन भाग्य विधाताओ को अपना भाग्य विधाता चुन लेते हैं जो अपने भाग्य विधाता स्वयं बने हुए हैं। अब अगर भाग्य विधाता इंसान है तो स्वाभाविक है कि उसके गुण धर्म इंसानो वाले होंगे ,अब जिसके जैसे भाग्य विधाता उसका वैसा भाग्य। कुछ उदाहरण -अगर आपके भाग्य विधाता को दिखावा पसंद है और अगर आप उसके सामने दिखावा नहीं करते तो फिर हो गया आपका बेडा गर्त । और अगर आपके भाग्य विधाता को चाटुकारिता ,झूठ ,फरेब पसंद है और आप सत्यवादी हरिश्चंद्र बने हुए है तो फिर.......जय श्री राम ।
Thursday, October 1, 2020
उम्मीदों का टुटता पुलिंदा
उम्मीद और इंतजार ने मेरे सब्र का खुब इंतिहा लिया, लेकिन हमने भी हर इंतिहा से अपने हौसलों को और बुलंद किया,लेकिन ये वक्त का पहिया बहुत तेजी से भाग रहा है,शयद ये मुझे कुछ सोचने पर विवश कर रहा है।
Sunday, May 10, 2020
षड्यंत्र
षड्यंत्रों की भनक है मुझे , मगर मोका देना है तुझे।
पुडा जोर आजमा लेना,जी भर के बदला ले लेना।। हम तो जिन्दगी के सताए हुए है , न जाने कितने जख्मों को छुपाऐ हुए है। इक तेरा गम भी सही, पीछे न रह जाये तु कहीं।।
Sunday, March 8, 2020
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